आईसीआईसीआई बैंक और इन्फोसिस के चेयरमैन रह चुके के वी कामथ वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री (एमओएस) बनाए जा सकते हैं। बाद में उन्हें इससे भी बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से यह रिपोर्ट दी है। लगातार गिरती जीडीपी ग्रोथ में रिकवरी के लिए सरकार इंडस्ट्री के अनुभवी लोगों की मदद चाहती है। उद्योग जगत में कामथ की अच्छी पकड़ है। बैंकिंग सेक्टर में उनका काफी नाम है, वे अभी न्यू डेवलपमेंट बैंक के प्रेसिडेंट हैं। यह बैंक ब्रिक्स देशों- ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका में इन्फ्रास्ट्रक्चर और सतत विकास की योजनाओं के लिए संसाधन जुटाती है।
सरकार नीति निर्माण में तकनीकी विशेषज्ञों को शामिल करना चाहती है
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत को भी मंत्री परिषद में जगह दी जा सकती है। मोदी सरकार राजनीति से जुड़े लोगों के साथ ही तकनीकी विशेषज्ञों को भी मंत्री परिषद में शामिल करना चाहती है। पूर्व वाणिज्य एवं उद्योग और रेल मंत्री सुरेश प्रभु की फिर से वापसी हो सकती है।
रिपोर्ट के मुताबिक राज्य सभा सांसद स्वप्न दासगुप्ता भी मंत्री परिषद में शामिल किए जा सकते हैं। उन्हें मानव संसाधन मंत्रालय (एचआरडी) में राज्य मंत्री की जिम्मेदारी मिल सकती है। प्रमुख केंद्रीय विश्वविद्यालय मानव संसाधन मंत्रालय के तहत आते हैं। कई विश्वविद्यालय इस वक्त विवादों में घिरे हुए हैं।